आपके लिए प्रस्तुत है ‘Short moral stories in Hindi’ सीरीज में से एक और कहानी!
एक बार की बात है माया नाम की एक छोटी सी लड़की अपने परिवार के साथ एक छुट्टी पर गयी थी| परिवार के साथ पहेली ऐसी छुट्टी थी जब वह लोग अपने शहर से दूर कहीं घूमने जा रहे थे और वह बहुत एक्साइटेड थी| माया अपने फैवरेट टेडी बेयर, गोलू को भी साथ लेकर गयी थी| उसका टेडी बेयर गोलू उसके लिए बहोत ख़ास था क्यूंकि उसको उससे बहुत प्यार था|
कहानी तो यहां से शुरू होती है| एक दिन जब माया अपने परिवार के साथ किसी पार्क में खेल रही थी उसका टेडी बेयर गोलू कहीं खो गया| माया बहुत परेशान हो गयी और उसने तुरंत अपने माँ-बाप को बता दिया| उसके माँ-बाप ने माया को समझाया और उससे कहा की उसे अपने टेडी बेयर को ढूंढ़ने के लिए कुछ करना चाहिए|
माता-पिता की बात सुनकर माया का मन हिम्मत से भर गया| वह सोचने लगी की वह अपने गोलू को वापस कैसे ला सकती है| वह केवल एक छोटी बच्ची है| वह लोग जहाँ घूमने गए थे वहां आसपास एक बड़ा सा जंगल भी था तो हो सकता था के किसी जंगली जानवर ने गोलू को उठा लिया हो| यह सब बातें उसके दिमाग में चल रही थी|
सोचते-सोचते वह पार्क के पास ही जंगल में चलती चली गयी| वहां माया जंगल में रहने वाले एक शेर से मिली| माया ने उसे टेडी बेयर के बारे में बताया और शेर ने उससे मदद करने का वादा किया| शेर ने माया से कहा “माया, हो सकता है के टेडी बेयर ढूंढ़ने के लिए तुम्हे कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़े| जंगल में कुछ और जानवर हैं जो तुम्हे रोकना चाहते हैं| पर तुम हिम्मत मत हारना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा|”
टेडी को ढूंढने के लिए माया और शेर ने जंगल में सफर शुरू कर दिया| रस्ते में उन्हें एक बन्दर मिला| वह भी माया की मदद करने के लिए तैयार हो गया| बन्दर ने माया को बताया के उसने किसी को टेडी बेयर को लेकर जाते हुए देखा और बन्दर ने उस तरफ माया को ले जाने में मदद की| बन्दर ने उन्हें एक ख़ास रास्ता दिखाया|
अब जब माया और शेर टेडी बेयर की तरफ आगे बढ़ रहे थे तब उन्हें एक नदी से गुज़ारना था| लेकिन माया को तैरना नहीं आता था| वह रो पड़ी और शेर से बोली “शेर भैया, मैं तैरना नहीं जानती| मुझे टेडी बेयर वापस लाने के लिए क्या करना होगा? मेरा गोलू कहाँ होगा और किस हाल में होगा?”
शेर मुस्कुराया और कहा “माया, तुम चिंता मत करो| मैं तुम्हे तैरना सिखाता हूँ|” शेर माया को नदी में ले गया और उसे तैरना सिखाया| माया को नदी में तैरते हुए बहुत मज़ा आया और उसके मन में उम्मीद जागी| वह टेडी बेयर की तरफ बढ़ने की तैयारी करने लगी|
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आखिर में माया और शेर ने टेडी बेयर को एक पेड़ के पास खोज लिया| टेडी बेयर बहुत खुश था अपनी छोटी सहेली माया से मिल कर| माया ने टेडी बेयर को गले लगाया और बोली “टेडी, मैं तुम्हें कभी भी खोने नहीं दूँगी| तुम मेरे लिए बहोत ख़ास हो|”
माया, शेर और टेडी बेयर साथ में घर की तरफ लौटने लगे| माया की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था| उसने शेर और बन्दर का बहुत धन्यवाद किया और वादा किया की वह अपने टेडी बेयर को हमेशा संभाल कर रखेगी|
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, चाहे कितनी भी मुश्किलें आये| अगर हम सही दोस्त चुनते हैं और उनकी मदद लेते हैं तो हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं|
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